उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने न्यूज़ चैनल नेटवर्क 18 को दिए इंटरव्यू में कहा है कि मुसलमानों से उनका वही रिश्ता है जो रिश्ता मुसलमानों का उनसे है.
प्रधानमंत्री मोदी सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास का नारा देते हैं लेकिन बीजेपी ने किसी भी मुसलमान को टिकट क्यों नहीं दिया? आपका मुसलमानों से क्या रिश्ता है?
नेटवर्ट 18 के इस सवाल के जवाब में योगी ने कहा आदित्यनाथ ने कहा, ''मेरा वही रिश्ता उनके साथ में है, जो उनका रिश्ता मुझसे है. उत्तर प्रदेश सरकार में एक मुस्लिम मंत्री हैं. केंद्र सरकार में मंत्री हैं, नक़वी जी. और भी इस प्रकार के चेहरे हैं. आरिफ़ मोहम्मद ख़ान जी केरल के राज्यपाल के रूप में सेवाएं दे रहे हैं. किसी व्यक्ति, जाति या मज़हब से विरोध नहीं है. लेकिन हाँ, जिसका विरोध भारत से है, भारतीयता है, स्वाभाविक रूप से हमारा उससे विरोध है.''
''जो भारत से प्यार करता है, हम उससे प्यार करते हैं. जो भारत के मूल्यों, सिद्धांतो में रचा-बसा है, उसको गले से लगाते हैं, सम्मान भी देते हैं. सबका साथ, सबका विकास अगर आज़ादी के बाद किसी ने ईमानदारी से किया है तो वो भारतीय जनता पार्टी ने किया है. आप देख सकते हैं, जो लोग ग़रीबी हटाओ का नारा देते थे, सामाजिक न्याय की बात करते थे उन्होंने कौन सामाजिक न्याय दिया? ग़रीबों की पेंशन हड़प जाना क्या सामाजिक न्याय है?''
योगी ने कहा, ''हम तुष्टीकरण किसी का नहीं करते हैं. हम व्यवस्था को भारत के संविधान के अनुरूप चलाएंगे. सेक्युलरिज़म का मतलब हिन्दू विरोध नहीं हो सकता और इसका मतलब तुष्टीकरण भी नहीं हो सकता. सरकार इसी दिशा में आगे बढ़ रही है.''
आपको जब मुसलमान विरोधी बताते हैं तो कैसा लगता है? इस सवाल के जवाब में योगी ने कहा, ''मुझे तो लोग बहुत कुछ विरोधी कहते हैं. हमलोग ज़हर पीते हैं और अमृत बाँटने का काम करते हैं.''
एआईएणआईएम नेता ओवैसी के काफ़िले पर हुए हमले को लेकर योगी ने कहा, ''हम लोकतंत्र में बैलेट पर विश्वास करते हैं, बुलेट पर नहीं, इस प्रकार की घटना अस्वीकार्य है. मंच पर उनके अपने भाषण होंगे, हमारे अपने भाषण होंगे. हमारे वैचारिक मतभेद हो सकते हैं. लेकिन इस तरह किसी को भी सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने की छूट नहीं दी जा सकती.''
''लेकिन मैं सभी दल के नेताओं से ये बात कहना चाहूंगा कि मंच से भाषण देते समय इस बात को ध्यान में रखें की हर वर्ग की भावनाओं का सम्मान होना चाहिए. हम वोट बैंक के लिए आस्था के साथ ठेस पहुँचाने और जन-भावनाओं को कुचलने का अनुचित प्रयास क़तई ना करें. क्योंकि कहीं ना कहीं उसके रिएक्शन देखने को मिलते हैं और हर किसी को इस बात का कहीं ना कहीं ध्यान रखना पड़ेगा.''
योगी ने कहा, ''हर नेता जो अपने कार्यक्रम की जानकारी देता है उसे सुरक्षा दी जाती है. ओवैसी जी को भी वाई प्लस सुरक्षा दी गई है. लेकिन कल वो जिन जगहों के दौरे पर गए थे, उसकी जानकारी जनपद-ज़िला प्रशासन को नहीं दी गई. लेकिन फिर भी कहीं कोई सभा है तो उसकी जानकारी उन्होंने दी होगी और सुरक्षा मिलती है. पुलिस ने तत्परता से इस मामले में कार्रवाई की.''
ओवैसी को कितना बड़ा मुस्लिम नेता मानते हैं? इस सवाल के जवाब में योगी आदित्यनाथ ने कहा, ''वो अपने दल के नेता हैं, हर दल का नेता अपने आप में बड़ा होता है. उसले छोटा करके आंक नहीं सकते.''
स्वामी प्रसाद मौर्या के 85 बनाम 15 के नारे पर योगी आदित्यनाथ ने कहा, ''हम राष्ट्रवाद की बात करते हैं और वह जाति की बात करते हैं, हम विकास की बात करते हैं तो वो तुष्टीकरण की बात करते हैं.जब हम गरीब कल्याण की बात करते हैं तो वह परिवारवाद की बात करते हैं.''
''सच्चाई तो ये है कि नाम भले समाजवादी होगा सोच तो परिवरवादी ही है. और काम दंगावादी से ऊबर नहीं पाया है. बच्चा-बच्चा जानता है कि जिन लोगों की सोच परिवार से आगे नहीं बढ़ पाई है, वो ओबीसी समुदाय का भला क्या कर पाएंगे.''
योगी ने अपनी एक चुनावी रैली में 80 बनाम 20 का नारा दिया था. ये राज्य के धार्मिक डेमोग्रफ़ी की ओर इशारा करता है. यूपी में लगभग 19 फ़ीसदी वोटर मुसलमान हैं. और इस नारे के ज़रिए योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि 80 फ़ीसदी यानी हिंदू वोटर विकास के नाम पर बीजेपी को वोट देगा.
इस इंटरव्यू में अपने नारे को लेकर किए गए सवाल के जवाब में सीएम योगी ने कहा, '' क्या कैराना के व्यापारियों को सुरक्षा पाने का अधिकार नहीं है, क्या पश्चिमी यूपी की बेटियों-बहनों के सुरक्षा पाने करा अधिकार नहीं है? किसी भी चुनी गई सरकार का दायित्व है कि वह बिना भेदभाव के सबको सुरक्षा दे. ये बीजेपी सरकार की उपलब्धि है कि सुरक्षा का दो वातावरण डबल इंजन की सरकार ने दिया है इसे माताओं-बहनों ने हाथों हाथ लिया है.''
चुनाव दोतरफ़ा होते दिख रहे हैं, क्या इससे बीजेपी को नुक़सान होगा? इस पर योगी ने कहा, ''इससे बड़ा गठबंधन गठबंधन 2019 में बना था. उस समय भी लोग मानते थे कि बीजेपी 10-15 सीट पाएगी बीएसपी 20-25 सीट पाएगी. लेकिन हुआ क्या बीजेपी ने 64 पाई और बीएसपी 10 सीटें पाई और सपा तीसरे नंबर पर चली गई. इससे बड़ा गठबंधन 2019 में था और उसका कोई असर नहीं हुआ. ''
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