मोहम्मद शमी को ऑनलाइन ट्रोल क्यों किया जा रहा है ।
24 अक्टूबर को हुए आईसीसी T20 वर्ल्ड कप में पाकिस्तान ने भारत को 10 विकेट से शर्मनाक हार के बाद टीम इंडिया के गेंदबाज मोहम्मद शमी को ऑनलाइन ट्रोल किया गया था ।
मोहम्मद शमी को ज्यादातर ट्रोलर उनके धर्म के कारण उन्हें लोग निशाने पर ले रहे थे . आज के दिन अखबारों में मोहम्मद शमी के समर्थन में आए भारत के पूर्व क्रिकेटरों को प्रमुखता से जगह दी है .
कोलकाता से प्रकाशित होने वाले अंग्रेजी दैनिक द टेलीग्राफ ने लिखा है कि जिस दिन सजीव गोयनका और एक इन्वेस्टमेंट फर्म ने 1.7 अरब डॉलर में दो आईपीएल टीम खरीदने की घोषणा की उसी दिन कुछ भारतीय उस चीज में लिप्त थे जो राष्ट्रीय टाइमपास बनता जा रहा है ।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के मोहम्मद शमी के समर्थन मे किए गए ट्वीट में लिखा है कि " मोहम्मद शमी हम सब आपके साथ हैं ये लोग नफरत से भरे हुए हैं क्योंकि इन्हें किसी ने कोई प्यार नहीं दिया इन्हें माफ कर दीजिए ."
टेलीग्राफ ने लिखा है कि राहुल गांधी मोहम्मद शमी के मामले में सामने आकर अपना समर्थन दे सकते हैं तो दूसरी तरफ चुप्पी उसी चलन का हिस्सा है जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्सर ऐसा करना चुनते हैं .
सोमवार की रात तक ना तो पीएम मोदी ने और ना ही किसी केंद्रीय मंत्री ने मोहम्मद शमी के समर्थन में कोई बात कही है और ना ही कोई ट्वीट किया है ।
सचिन और सहवाग ने मोहम्मद शमी का समर्थन किया तो कईयों ने भारत में बढ़ते सांप्रदायिक हमलों के सामान्य बात होने के पीछे के कारणों की चर्चा की टेलीग्राफ ने लिखा है कि पॉप म्यूजिक की जानी मानी हस्ती रिहान ने जब भारत में किसान आंदोलन के समर्थन में ट्वीट किया था तो सचिन का अधिकारिक रुक उनकी छवि के बिल्कुल उलट था ।
सचिन ने मोहम्मद शमी के समर्थन में लिखा " जब हम टीम इंडिया का समर्थन करते हैं तो उन सभी का समर्थन करते हैं जो टीम इंडिया का प्रतिनिधित्व कर रहे होते हैं मोहम्मद शमी प्रतिबद्द और विश्व स्तर के गेंदबाज है ."
इंडिया एक्सप्रेस ने भी मोहम्मद शमी के मामले अपने पन्ने पर प्रस्तुत करते हुए कहा है कि पाकिस्तान से मैच हारने के बाद मोहम्मद शमी अपने मजहब के कारण निशाने पर आ गए लेकिन भारत के क्रिकेटरों और कुछ नेताओं ने शमी को खुलकर समर्थन किया ।
शमी को ऑनलाइन ट्रोल किए जाने की खबरें पाकिस्तान मीडिया में भी प्रमुखता से छपी है पाकिस्तान के प्रमुख अंग्रेजी अखबार डॉन ने लिखा है कि पाकिस्तान से बुरी तरह से हारने के बाद भारतीय टीम में एकमात्र मुस्लिम खिलाड़ी को निशाने पर लिया गया .
अखबार ने यह लिखा है कि भारत की हार के बाद मुसलमानों के खिलाफ हिंसा की कई घटनाएं हुई है 31 साल के शमी सबसे मुख्य टार्गट बनी है जबकि भारतीय कप्तान विराट कोहली ने मैच के बाद की प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुद ही कहा कि पाकिस्तान ने बेहतरीन खेल दिखाया है डॉन ने लिखा है कि शमी के इंस्टाग्राम अकाउंट पर सैकड़ों मैसेज किए गए हैं जिनमें उन्हें गद्दार बताया है और टीम इंडिया से बाहर करने की मांग की गई है .
पाकिस्तान के जियो टीवी और एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने भी शमी के साथ हुई ऑनलाइन ट्रोलिंग को प्रमुखता से जगह दी है और कहा है कि यह भारत में मुसलमानों के खिलाफ बढ़ती नफरत की ताजा मिसाल है ।
बांग्लादेश के अखबार ढाका ट्रिब्यून ने भी मोहम्मद शमी का समर्थन किया है ।
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