👉👉मानव के अस्तित्व की शुरुआत । 1)इतिहासकार यह मानते हैं कि लगभग 56 लाख वर्ष पूर्व पृथ्वी पर ऐसे प्राणियों का प्राद्- भाव हुआ जिन्हें हम मानव कह सकते हैं। 2)इतिहासकार यह भी बताते हैं कि जिन्हें हम आधुनिक मानव कहते हैं वैसे लोग 1,60,000 वर्ष पूर्व पैदा हुए थे । 3)मानव इतिहास के इतने लंबे समय के दौरान लगभग 8000 ईसा पूर्व तक लोग, एक दूसरे को मारकर या अपने लोगों को मारकर और उनके शरीर में से मांस निकालकर जानवरों का शिकार करके अथवा पेड़ पौधों से कंद का मूल फल और बीज आदि इकट्ठा करके खाते थे । 4)आधुनिक काल के मानव ने धीरे-धीरे उन्होंने पत्थरों से औजार बनाना तथा आपस में बातचीत करना सीख लिया । 👉👉 आदि मानव के अस्तित्व की जानकारी ? आदिमानव के इतिहास की जानकारी हमें मानक के जीवाश्म (fossils ) ,पत्थर के औजारों तथा गुफाओं की चित्रकारियो की खोजों से प्राप्त होते हैं । 👉👉'स्पीशीज 'यह 'प्रजाति 'किसे कहते हैं ? जीवो का एक ऐसा समूह जिसके नर और मादा मिलकर बच्चे पैदा कर सकते हैं और उनके बच्चे भी आगे प्रजनन करने अथवा संतान उत्पन्न करने में समर्थ है प्रजातीय स्पीशीज (species )कहलाते हैं एक प्रजाति विशेष के सदस्य दूसरी प्रजाति के सदस्यों से संभोग करके बच्चे पैदा नहीं कर सकते । 👉👉मानव के जीवाशम की खोज कब हुई ?
1)अगस्त 1856मैं जमुनी के डसेलड़ोफ नगर के पास ,निअंडर मैं चुने के पत्थरों के खान में खुदाई के समय उन्हें एक खोपड़ी और अस्थि पंजर के कुछ टुकड़े मिले थे ।
2)यह अवशेष एक स्थानीय शिक्षक कॉल फूलरौट(carl fuhlrott) को जो एक प्राकृतिक इतिहसज्ञ थे उन्हें सौंप दिया ।
3)कॉल फुलरीैट के जांच के बाद पाए कि वह खोपड़ी आधुनिक मानव की नहीं थी फिर उन्होंने प्लास्टर से उस खोपड़ी का ढांचा बनाया और उसे बाॅन विश्वविद्यालय के शरीररचना विशेषज्ञ के एक प्रोफेसर हरमन साफ हुसैन(human schaaffhausen) के पास भेज दिया गया ।
4)उन दोनों ने मिलकर 1 वर्ष के बाद एक शोध पत्र प्रकाशित किया जिसमें उन्होंने यह दावा किया कि यह खोपड़ी एक ऐसे मानव रूप की है जो अब अस्तित्व में नहीं है ।
5)24 नवंबर 1859 को एक घटना घटी जब मनुष्य की बारे में चार्ल्स डार्विन की पुस्तक ऑन दी ओरिजिन ऑफ स्पीशीज(on the origin of species ) प्रकाशित हुई उस पुस्तक के प्रथम संस्करण की सभी 1,250 पतियाँ उसके प्रकाशन के दिन ही हाथों हाथ बिक गई ।
6)डार्विन ने इस पुस्तक में यह दावा किया था कि मानव बहुत समय पहले जानवर था जो कमिक रूप से विकसित होकर अपने वर्तमान रूप में आया है ।
👉👉आधुनिक मानव के पूर्वज ? क)۔यह तस्वीर एक वानर की है
1)जब एशिया और अफ्रीका में स्तनपाें प्राणियों की प्राइमेट (primates)नामक श्रेणी उद्भव हुआ था ।उसके बाद 240 लाख वर्ष पूर्व प्राइवेट श्रेणी मैं एक उप समूह उत्पन्न हुआ जिसे होमिनाईड कहा जाता है। इस उप समूह में 'वानर 'यानी 'ऐप '(Ape)शामिल थे ।बहुत समय बाद लगभग 5600000 वर्ष पूर्व हमें पहले होमिनिड प्राणियों के अस्तित्व का सबूत मिलता है । 2'होमिनिड'प्राणी 'होमिनीराॅइ'नामक परिवार के सदस्य होते हैं ।होमिनीरिडेइ परिवार में सभी रूपों के मानव प्राणी शामिल है । होमिनिड समूह की अनेक विशेषताएं हैं जैसे -मस्तिक का बड़ा आकार ,पैरों के बल सीधे खड़े होने की क्षमता ,दोनों पैरों के बल चलना ,विशेष किस्म के हाथ जिनकी सहायता से भी अचार बना सकते थे और उनका इस्तेमाल भी कर सकते थे । यह तस्वीर ऑस्ट्रेलोपिथिकस नामक प्रजाति की है ।
यह तस्वीर होमो एरेक्टस (जो सीधे खड़े होकर चलने वाले मानव है )।
3)आस्टेलीोपिथिकस और होमो वंश के बीच कुछ महत्वपूर्ण अंतर उनके मस्तिष्क के आकार ,जबडे़ और दांतों की तुलना करने पर पाए जाते हैं ।इनके मस्तिष्क का आकार होमो के मस्तिष्क के आकार की अपेक्षा बड़ा होता है । आस्टेलोपिथिकस के जबडे़ अधिक भारी होते हैं और दांत भी अधिक बड़े होते हैं ।
यह तस्वीर में आज के मानव इस प्रजाति के हैं । 4)आस्टेलोपिथिकस नामक लातिनी भाषा के शब्द 'आस्टल 'यानी 'दक्षिण 'और यूनानी भाषा के शब्द 'पिथिकस'यानी 'वानर ' से मिलकर बना है । 👉👉प्रतिस्थापना और क्षेत्रीय निरंतरता? प्रतिस्थापना मॉडल के समर्थन मैं बोलने वालों का मत है कि मानव के सभी प्राचीन रूप ,चाहे वह कहीं भी थे ,परिवर्तन हो गए और उनका स्थान पूर्ण रूप से आधुनिक मानव ने ले लिया ।इस विचारधारा का समर्थन इस साक्ष्य से होता है कि आधुनिक मनुष्य में सर्वत्र शारीरिक और जननिक अर्थात उत्पत्ति मूलक समानता पाई जाती है ।इस मॉडल को मानने वाले यह तर्क देते हैं कि इनमें अत्यधिक समानता इसलिए पाई जाती है कि उनके पूर्वज एक ही क्षेत्र अर्थात अफ्रीका में उत्पन्न हुए थे तथा वहीं से दूसरे जगहों पर गए ।आधुनिक मानव के प्राचीन जीवाश्म के सबसे भी (जो इथोपिया मैं ओमा स्थान पर प्राप्त हुए हैं )प्रतिस्थापना के मॉडल का समर्थन करते हैं ।इस दृष्टिकोण को मानने वालों का कहना है कि आधुनिक मानव में जो शारीरिक विभिनता पाई जाती है उनका कारण हजारों वर्ष की लंबी अवधि में उन लोगों का परिस्थितियों के अनुसार अपने आप को डाल लेना है जिन विशेष क्षेत्रों में भी गए और अंत में वहां स्थानीय रूप से बस गए ।

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