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शाहजहां कौन था (इतिहास, परिचय )


शाहजहां कौन था ?

शाहजहां का जन्म 5 जनवरी 1592 ईस्वी में लाहौर में हुआ और इनके पिता का नाम जहांगीर था ।  और इनकी माता का नाम जगत गोसाई था 1612 ईस्वी में शाहजहां का विवाह आसिफ खाँ की पुत्री आरजुमंद बानो बेगम से हुआ जिसे शाहजहां ने मलिका-ए-जमानी की उपाधि प्रदान की।  शाहजहां का कार्यकाल 1627 ईस्वी से 1657 ईस्वी तक रहा ।  शाहजहां ने आसिफ खाँ को वजीर पद एवं महावत ख़ाँ को खानेखाना की उपाधि प्रदान की । 

ताजमहल का निर्माण क्यों हुआ ?

शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज की याद में ताजमहल का निर्माण किया ताजमहल का निर्माण मुमताज की कब्र के ऊपर करवाया उस्ताद ईशा ने ताजमहल की रूपरेखा तैयार की थी ।  ताजमहल का निर्माण करने वाला मुख्य स्थापत्य कलाकार उस्ताद अहमद लाहौरी था ।  

शाहजहां द्वारा बनाई गई प्रमुख इमारतें कौन - कौन सी थी ?

शाहजहां के शासनकाल को स्थापत्यकला का स्वर्णयुग कहा जाता है ।  शाहजहां द्वारा बनाई गई प्रमुख इमारतें - दिल्ली का लाल किला,  दीवाने आम,  दीवाने खास,  दिल्ली का जामा मस्जिद,  आगरा का मोती मस्जिद,  आगरा का ताजमहल,  लाहौर किला स्थित शीश महल आदि ।


शाहजहां ने 1632 ईस्वी में अहमदनगर को मुगल साम्राज्य से मिला लिया ।  शाहजहां ने 1638 ईस्वी में अपनी राजधानी को आगरा से दिल्ली लाने के लिए यमुना नदी के दाहिने तट पर शाहजहानाबाद की नीव डाली ।  आगरा के जामा मस्जिद का निर्माण शाहजहां की पुत्री जहाँआरा ने करवाया ।  शाहजहां के दरबार के प्रमुख चित्रकार मोहम्मद फकीर एवं मीर हासिम थे ।  शाहजहां के दरबार में वंशीधर मिश्र एवं हरिनारायण मिश्र नाम के दो संस्कृत के कवि थे ।

शाहजहां के पुत्र कौन कौन थे 

शाहजहां के पुत्रों में दारा शिकोह सर्वाधिक विद्वान था ।  इसने भगवद् गीता,  योग वशिष्ठ,  उपनिषद्  एवं रामायण का अनुवाद फारसी में करवाया ।  इसमें सर्र-ए-अकबर (महान रहस्य) नाम से उपनिषदों का अनुवाद करवाया था ।  दारा शिकोह कादिरी सिलसिले के मुल्ला शाह बदख्सी का शिष्य था ।  सितंबर 1657 ईसवी में शाहजहां के गंभीर रूप से बीमार पड़ने और मृत्यु की अफवाह फैलाने के कारण उसके पुत्रों के बीच उत्तराधिकार का युद्ध प्रारंभ हुआ ।  उस समय शूजा बंगाल ,  मुराद गुजरात एवं औरंगजेब दक्कन में था ।  15 अप्रैल 1658 ईस्वी में दारा एवं औरंगजेब के बीच धरमट का युद्ध हुआ ।  इस युद्ध में दारा की पराजय हुई  ।  

सामूगढ़ का युद्ध 

29 मई 1658 ईसवी को दारा एवं औरंगजेब के बीच हुआ ।  इस युद्ध में भी दीरा की हार हुई ।  उत्तराधिकार का अंतिम युद्ध देवराई की घाटी में मार्च 1659 ईस्वी को हुआ ।  इस युद्ध में दारा के पराजित होने पर उसे इस्लाम धर्म की अवहेलना करने के अपराध में 30 अगस्त 1659 ईस्वी को हत्या कर दी गई ।

शाहजहां की मृत्यु 

8 जून 1658 ईस्वी को औरंगजेब ने शाहजहां को बंदी बना लिया  ।  और कैदी के तौर पर जेल खाने में डाल दिया ।  शाहजहां को आगरा के किले में कैदी बना दिया गया ।  उसके बाद औरंगजेब ने गद्दी संभाली ।  और वह मुगल साम्राज्य का सबसे बड़ा सम्राट बन गया ।आगरा पर कब्जा कर जल्दबाजी में औरंगजेब ने अपना राज्याभिषेक ' अबुल मुजफ्फर मोहिउद्दीन मुजफ्फर औरंगजेब बहादुर आलमगीर ' की उपाधि से 31 जुलाई 1658 ईस्वी को करवाया देवराई के युद्ध में सफल होने के बाद 15 मई 1659 ईस्वी को औरंगजेब ने दिल्ली में प्रवेश किया और शाहजहां के शानदार महल में 5 जून 1659 ईस्वी को दूसरी बार राज्याभिषेक करवाया  आगरा के किले में अपने कैदी जीवन के 8 वर्ष अर्थात 22 जनवरी 1666 ईस्वी को 74 वर्ष की अवस्था में शाहजहां की मृत्यु हो गई  ।


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