नेताजी सुभाष चंद्र बोस कौन थे
नेताजी सुभाष चंद्र बोस एक महान व्यक्ति थे।इनका जन्म भारत की राज्य उड़ीसा में 23 जनवरी 1897 में हुआ था ।इनकी मौत आज भी एक पहेली है ।परंतु ऐसा माना जाता है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति 18 अगस्त 1945 को जापानी प्लेन क्रैश होने से हुई थी ।
शिक्षा के आईसीएस ऑफिसर तक का सफर
नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने अपनी शिक्षा European school in cuttack से की थी ।नेताजी सुभाष चंद्र बोस स्वतंत्र संग्राम के बहुत बड़े नेता थे ।इन्हें लोगों की सेवा करना बहुत अच्छा लगता था ।उस समय देश में हैजा के कारण 2,50,000 लोगों की जान जा चुकी थी ।क्योंकि उस समय ब्रिटिश भारत की चिकित्सा सेवा बहुत ही खराब थी ।उस समय नेताजी सुभाष चंद्र बोस लोगों की हरपुर सेवा करते थे ।इसलिए नेताजी सुभाष चंद्र बोस लोगों मे बहुत ही लोकप्रिय होते जा रहे थे ।नेताजी सुभाष चंद्र बोस आंदोलन में बहुत ही भाग लिया करते थे और देश को आजाद करवाने के लिए बहुत कार्य किया करते थे ।इसी कारण से 1916 में उन्हें कॉलेज से निकाल दिया गया था ।उनके पिता जानकीनाथ बोस ने ICS की पढ़ाई के लिए उन्हें लंदन भेज दिया ।नेताजी सुभाष चंद्र बोस इतने बुद्धिमान थे कि उन्होंने आईसीएस की पढ़ाई जो 4 साल की होती थी ।उस पढ़ाई को 7 महीने में ही खत्म कर दिया ।इसके साथ में आईपीएस में 4th rank लाए थे ।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने ICS की नौकरी को छोड़ दिया
नेताजी सुभाष चंद्र बोस बहुत बड़े देश प्रेमी थे।क्योंकि उन्होंने अपने देश को आजाद करवाने के लिए 1921 में ICS की नौकरी को छोड़ दिया ।यह खबर पूरे भारत के न्यूज़पेपर में छा गई ।उस समय से लोगों के दिल में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के लिए एक अच्छी छवि बन चुकी थी ।जब वह लंदन से वापस लौट रहे थे। तो उन्हें देखने के लिए बहुत सारे लोग इकट्ठा हो गए थे ।नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने जब इस दृश्य को देखा तो वे सोचने लगे कि जब मैंने छोटी सी आईसीएस की नौकरी को छोड़ दिया तो इतने लोग इकट्ठा हुए और मैं देश को आजाद करवाने के लिए कार्य करूं । तो मैं कितने लोगों को ही इकट्ठा कर सकता हूँ । इससे यह पता चलता है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की एक पहचान थी । कि वह भविष्य की परिस्थितियों को वर्तमान को देखते हुए पहचान लेते थे ।
स्वतंत्र संग्राम में नेताजी सुभाष चंद्र बोस का योगदान
जनवरी 1928 मे कांग्रेस एक मजबूत आंदोलन बन चुका था ।1939 मे कांग्रेस president के लिए चुनाव हुए ।उसमें सबसे ज्यादा वोट नेताजी सुभाष चंद्र बोस को मिला था ।परंतु गांधी जी के कहने पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने president के पद से त्याग कर दिया ।इसके बाद नेताजी सुभाष चंद्र बोस को कांग्रेस से बाहर निकाल दिया ।इसके बाद नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने यह सोचा कि द्वितीय विश्व युद्ध में ब्रिटेन के दुश्मन जर्मनी से मदद लेनी चाहिए ।और नेताजी सुभाष चंद्र बोस जर्मनी के लिए निकल गए वहां पर वह हिटलर से मिले उसके बाद हिटलर ने उन्हें जापान भेज दिया ।1944 मे जापान से उन्होंने आजाद हिंद फौज का गठन किया था ।परंतु अमेरिका के द्वारा हिरोशिमा और नागासाकी पर बम गिराने के बाद जापान से मदद मिलना बंद हो गया था ।उसके बाद नेताजी सुभाष चंद्र बोस जपानी प्लेन से भारत आ रहे थे परंतु बीच में ताइवान में उनका प्लेन क्रैश हो गया था ।ऐसा माना जाता है कि प्लेन क्रैश में उनकी मौत हो चुकी है ।परंतु इसका कोई सबूत नहीं मिला है ।
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