History932.blogspot.com

All in one Research Centre

जलवायु परिवर्तन की परिभाषा । जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक 2021





जलवायु परिवर्तन की परिभाषा


किसी स्थान के तापमान वर्षा एवं आर्द्रता के संख्यात्मक मान बदलते हैं तो उसी को जलवायु परिवर्तन कहते हैं । 

मानव तेल , गैस और कोयला का इस्तेमाल  अधिक से अधिक करता है जिसके कारण जलवायु पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है ।



जलवायु परिवर्तन के प्रभाव 


जलवायु परिवर्तन को आम भाषा में बताएं तो मानव के क्रियाकलाप और गतिविधियों के कारण दुनिया का तापमान बढ़ रहा है । और यह मानव जीवन के लिए खतरा बन रहा है । इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले समय में मानव को कई समस्याओं का सामना करना पड़ेगा जैसे :- जमीन का सूखा पड़ना ,समुंद्र का स्थल बढ़ना इन जैसे गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ेगा ।


जलवायु परिवर्तन के कारक


भूगोलवेत्ता के अनुसार जलवायु परिवर्तन के दो कारक होते हैं । 1) प्राकृतिक कारक और 2) मानवजनित कारक ।

प्राकृतिक कारक :- प्राकृतिक कारक उसे कहते हैं जिसमें प्रकृति के अनुसार जलवायु में परिवर्तन होते हैं ।

महाद्वीपीय विस्थापन :- जब महाद्वीपों का विस्थापन हुआ तो उसमें कई सारे ज्वालामुखी उत्पन्न हुए उन ज्वालामुखी में कई सारे कैसे उत्पन्न हुई जिससे तापमान और वर्षा में बदलाव आया ।

ज्वालामुखी :- ज्वालामुखी से उत्पन्न जहरीली गैसों से पृथ्वी का तापमान बढ़ गया इससे जलवायु में परिवर्तन हुआ ।

पृथ्वी का झुकाव :- पृथ्वी के झुकाव के कारण ऋतुओं में परिवर्तन होता है। अधिक झुकाव से  अधिक गर्मी तथा अधिक सर्दी और कम झुकाव अर्थात कम गर्मी तथा कम सर्दी का मौसम। इस प्रकार पृथ्वी के झुकाव के कारण जलवायु प्रभावित होती है।

समुद्री धाराएं :- समुद्री धाराओं में परिवर्तन होने से जलवायु में परिवर्तन होता है ।

मानवजनित कारक :- मानवजनित कारक उसे कहते हैं जिसमें मानव के द्वारा  किए जाने वाले क्रियाकलापों के कारण जलवायु में परिवर्तन होता है 

शहरीकरण :- शहरीकरण के कारण जो प्राकृतिक वनस्पति थी वह समाप्त हो गई ।

औद्योगिकीकरण :- औद्योगिकीकरण के कारण कई सारे गैसे उत्पन्न हुई जिससे तापमान में बदलाव हुआ ।

वनान्मुलन :- वनों के काटने से भी पृथ्वी का तापमान बढ़ा है । 

रासायनिक कीटनाशक :- कई प्रकार के रासायनिक गैसे जो बादलों में जाकर मिल जाते हैं । 

परंतु वर्तमान समय में होने वाले जलवायु में परिवर्तन ग्रीन हाउस और कार्बन डाइऑक्साइड  गैसों से होती है । इन दोनों में से सबसे अधिक मात्रा कार्बन डाइऑक्साइड की होती है इन गैसों की सगन मौजूदगी के कारण सूर्य का ताप धरती से बाहर नहीं जा पाता और ऐसे में यह धरती का तापमान बढ़ाती है और जिससे जंगलों मे आग लगने की खबर सुनने में आती है । पिछले कुछ सदी की तुलना करें तो धरती का तापमान लगभग 1.2 सेल्सियस अधिक पड़ चुका है और वर्तमान में CO2 की मात्रा में भी 50% तक वृद्धि हुई है ।

वैज्ञानिकों का कहना है कि हमने इसमें जल्दी से जल्दी सुधार नहीं किया तो इस सदी तक धरती का तापमान 2 सेल्सियस हो जाएगा जिससे मानव जाति के लिए खतरा भी पड़ेगा जैसा कि हम जानते हैं तापमान बढ़ने के कारण जंगलों में आग लगने की समस्या बढ़ चुकी है और कई जगह बाढ़ के भी समस्या बढ़ चुकी है । वैज्ञानिकों का कहना है कि हमें जल्दी से जल्दी इस पर सख्त कदम उठाने होंगे वरना आने वाले समय में इससे भी बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा ।



जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक 2021


जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक, 2021 में भारत को 10 वें स्थान पर रखा गया है. भारत पिछले वर्ष इस सूचकांक में 9 वें स्थान पर था, जबकि अब यह एक स्थान नीचे हो गया ।

• G20 देश के दो सदस्य देश - यूके और भारत - CCPI, 2021 में उच्च रैंकर देशों में से हैं, जो वर्ष, 2020 को कवर करता है.

अमेरिका, कनाडा, दक्षिण कोरिया, रूस, ऑस्ट्रेलिया और सऊदी अरब सहित G20 के अन्य छह देशों को सूचकांक में सबसे नीचे स्थान दिया गया है.

• जबकि अमेरिका 61 वें स्थान पर है, सऊदी अरब 60 वें स्थान पर, ईरान 59 वें स्थान पर, कनाडा 58 वें स्थान पर, ऑस्ट्रेलिया 54 वें स्थान पर और रूस 52 वें स्थान पर है. 

• चीन, जो ग्रीनहाउस गैसों का सबसे बड़ा वर्तमान उत्सर्जक है, CCPI, 2021 की रिपोर्ट में 33 वें स्थान पर है. 


जलवायु परिवर्तन के समाधान :-


जलवायु परिवर्तन को कम करने के लिए हमें सख्त नियमों का पालन करना होगा जैसे कि हमें इन खतरनाक गैसों का इस्तेमाल करना पूरी तरह से बंद करना होगा और जंगलों में पेड़ को काटने पर बैन लगाना चाहिए । 


Post a Comment

1 Comments

Close Menu