दिग्गज उद्योगपति और बजाज समूह के पूर्व चेयरमैन राहुल बजाज का 83 साल की उम्र में निधन हो गया. न्यूज़ एजेंसी पीटीआई ने कंपनी के अधिकारियों के हवाले से इसकी पुष्टि की है.
चेतक, प्रिया, कावासाकी देने के साथ मौजूदा बजाज का जो स्वरूप दिख रहा है, उसे स्थापित करने में राहुल बजाज ने अहम भूमिका निभाई है.
जून 1938 में जन्मे राहुल बजाज भारत के उन चुनिंदा औद्योगिक घरानों में से एक परिवार से वास्ता रखते थे जिनकी भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू से काफ़ी घनिष्ठता रही है.
दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफ़न कॉलेज से इकनॉमिक ऑनर्स करने के बाद राहुल बजाज ने क़रीब तीन साल तक बजाज इलेक्ट्रिकल्स कंपनी में ट्रेनिंग की. इसी दौरान उन्होंने बॉम्बे यूनिवर्सिटी से वक़ालत की पढ़ाई भी की.
राहुल बजाज ने 60 के दशक में अमरीका के हार्वर्ड बिज़नेस स्कूल से एमबीए की डिग्री ली थी. पढ़ाई पूरी करने के बाद वर्ष 1968 में 30 वर्ष की उम्र में जब राहुल बजाज ने 'बजाज ऑटो लिमिटेड' के सीईओ का पद संभाला तो कहा गया कि ये मुक़ाम हासिल करने वाले वो सबसे युवा भारतीय थे.
राहुल बजाज को देश के तीसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान 'पद्म भूषण' से सम्मानित किया जा चुका है. राहुल बजाज एक बार राज्यसभा के सांसद भी रह चुके हैं. वो भारतीय उद्योग परिसंघ यानी सीआईआई के अध्यक्ष रहे हैं, सोसायटी ऑफ़ इंडियन ऑटोमोबिल मैन्युफ़ैक्चरर्स (सियाम) के अध्यक्ष रहे हैं, इंडियन एयरलाइंस के चेयरमैन भी रहे हैं.
हाल फिलहाल के दौर में राहुल बजाज अपने बेबाक बयानों की वजह से भी सुर्खियों में रहे हैं.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने राहुल बजाज के योगदान का जिक्र करते हुए उनके निधन पर शोक जाता है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा है, ''यशस्वी उद्योजक, समाजसेवी और बजाज के पूर्व चेयरमैन राहुल बजाज जी को मेरी भावभीनी श्रद्धांजलि.पद्म भूषण से सम्मानित राहुल जी से मेरे अनेक वर्षों से व्यक्तिगत संबंध रहे हैं.विगत पॉंच दशकों से बजाज ग्रुप का नेतृत्व करने वाले राहुल जी का उद्योग जगत में महत्वपूर्ण योगदान रहा है. ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे और परिजनों को संबल दे. ॐ शांति.''
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